मशहूर डायरेक्टर और कवि बुद्धदेव दासगुप्ता का निधन
बंगाली फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर और कवि बुद्धदेव दासगुप्ता का निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। वह काफी समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। उनके निधन से बंगाली फिल्म इंडस्ट्री को गहरा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट करते हुए शोक व्यक्त किया है। ममता बनर्जी ने बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। फिल्ममेकर के निधन पर संवेदनाएं जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि प्रख्यात फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनका निधन फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
बुद्धदेव दासगुप्ता ने 5 बार अपनी फिल्मों के लिए नैशनल अवॉर्ड जीता है। उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में बनाईंए जिनमें बाघ बहादुर, लाल दरजा, काल पुरुष और चराचर के अलावा उनकी ताहेदेर कोथा, निम अन्नपूर्णा, गृहयुद्ध और फेरा जैसी फिल्मों ने दर्शकों के दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी।
बुद्धदेव दासगुप्ता एक मशहूर कवि भी थे। उन्होंने ने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी। वह सिटी कॉलेज में बच्चों को पढ़ाते भी थे और खाली समय में फिल्में बनाते थे। फीचर फिल्मों से पहले वह डॉक्यूमेंट्री फिल्मों से शुरुआत की थी। उनकी कई डॉक्यूमेंट्रीज को इंटरनैशनल अवॉर्ड भी मिले हैं। दरअसल उनका निधन निश्चित रूप से फिल्म जगत के लिए एक क्षति है। जिसकी भरपाई कभी नहीं होगी।
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