महाकवि सम्मेलन में सिलीगुड़ी की कई महान रचनाकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

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महाकवि सम्मेलन में सिलीगुड़ी की कई महान रचनाकारों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

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सिलीगुड़ी। राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान ने साहित्य की सेवा करते हुए पूरे भारत में अपनी अलग पहचान बनायी है। इस संस्था की ओर से बुधवार को महाकवि सम्मेलन का आयोजन जूम एप्प पर किया गया। इसमंे विशिष्ट अतिथि के रुप मे पूर्व सांसद, प्रोफेसर, वरिष्ठ साहित्यकार श्री प्रोफेसर ओमपाल सिंह निडर ने उपस्थित हो कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई एवं अपनी साहित्यिक प्रतिभा से सभी का मन मोह लिया। सरस्वती वंदना से इस महाकवि सम्मेलन की शुरुआत हुई। श्रीमति सरस्वती मिश्रा जी ने अपनी मधुरी प्रस्तुति संग मां वीणा वादनी की स्तुति कर सबका मन मोह लिया। संस्था के इस कवि सम्मेलन का उदघाटन संस्था के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष नवलपाल प्रभाकर दिनकर जी के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की व्यवस्था राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा की गई एवं पूरे कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवयित्री सह बिहार की अध्यक्ष श्रीमती बबिता सिंह के कर कमलों से किया गया। साथ मे श्रीमती वेद् स्मृति कीर्ति जी भी मौजूद रही जिन्होंने बबिता जी का साथ निभाया यानी संचालिका बबिता जी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए पूरे कार्यक्रम मे हौसला अफजाई करती रही। इसमे साहित्यकार रजनी वर्मा,भोपाल, डाॅऽमधुकर राव लारोकर, बेंगलोर (कर्नाटक), वीना आडवाणी तन्वी नागपुर, गीता पाण्डेय अपराजिता रायबरेली, गरिमा विनित भाटिया अमरावती महाराष्ट्र, डॉ मंजु गुप्ता , वाशी , नवी मुंबई, आशा श्रीवास्तव भोपाल,भास्कर सिंह माणिक, कोंच, आशीष भारती, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), डा.राधा वाल्मीकि, पंतनगर उत्तराखंड, ऋतु गर्ग, भारती सुजीत बिहानी, सिलीगुड़ी, आशा बंसल, सिलीगुड़ी, निशा गुप्ता,
सिलीगुड़ी, सुनीता कुमारी प्रसाद, डॉ रमणीक शर्मा अंबाला हरियाणा, नेतलाल प्रसाद यादव, गिरिडीह,झारखंड, नवीन नव बीगोद राजस्थान, सनुक लाल यादव, बालाघाट मध्यप्रदेश, स्मिता पाल (साईं स्मिता), झारखंड, प्रीतम कुमार झा,महुआ, वैशाली, बिहार, रमा बहेड हैदराबाद, मिथिलेश कुमार सिंह वाराणसी उत्तर प्रदेश, वेदस्मृति ‘कृती’, जितेंद्र कुमार चंद्राकर छत्तीसगढ़, सुधा बसोर, गाजियाबाद, कंचन वार्ष्णेय, कवि तुलसी विश्वास, डॉ. आशुतोष (रेवाड़ी हरियाणा), आशीष पाठक अटल , मधुबनी बिहार, सुरेन्द्र नाथ सिंह-गाजीपुर-उ.प्र, कल्पना भदौरिया स्वप्निल उत्तरप्रदेश, प्रोफेसर डॉ. सुनीता मिश्रा बिलासपुर छ.ग., डाँ मोहन लाल अरोड़ा , संस्था की राष्ट्रीय सचिव एव लाँ ऑफिसर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली एडवोकेट अनुजा मनु जी लखनऊ उत्तर प्रदेश, वी अरुणा, कोलकता , भीम कुमार, झारखंड संगीता भारद्वाज, सिलीगुड़ी, ज्योति भाष्कर ज्योतिर्गमय, सहरसा, बिहार, कल्पना चैधरी, ऊ0 प्र0, प्रोफेसर प्रिसेस डॉ रचना सिंह रश्मि आगरा, अंजना सिन्हा , सीता देवी राठी, बंगाल, गीता पांडेय, इन्दु भुवन झा, मधुबनी, एडवोकेट रिन्की गुप्ता, सिलीगुड़ी, पूर्व पुलिस अधिकारी एव वरिष्ठ साहित्यकार कामेश्वर कुमार कमेश जी ने अपनी अतुलनीय रचना से सबका दिल मोह लिए एव बिहार की अध्यक्ष बबिता सिंह जी की मनमोहन रचना ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । समापन की घोषणा बिहार की अध्यक्ष सह विशिष्ठ संचालिका बबिता सिंह जी के द्वारा राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी को मंच पर बुलाकर किया गया ।

जिसमे संस्था के बारे मे संक्षिप्त जानकारिया दी गई एवं पृथ्वी की परिकल्पना होती है बेटियाँ रचना से समाप्ति संबोधन किया गया। सिलीगुड़ी से आशा बंसल, नीशा गुप्ता, भारती सुजीत बिहानी, रिंकी गुप्ता, संगीता भारद्वाज, रितु गर्ग ने अपनी सुंदर प्रस्तुत की

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