आधी रात को प्रधानमंत्री ने लिया शहर का जायजा स्टेशन पर यात्री सुविधा देखने पहुंचे रात के 1 बजे
बाराणसी। काशी या बनारस की संकरी गलियां विश्व प्रसीद्ध है। इन संकरी गलियों, सिर के उपर लटकटी बिजली की नंगी तारों को जंजाल ओर शहर की भीड़ को यहां के लोगों ने अपनी किस्मत मान ली थी। खुद विश्वनाथ मंदिर की गली की हालत भी इतनी ही बदतर थी। लेकिन बनारस के लोगों की इस किस्मत को प्रधानमंत्री मोदी ने चमका दिया। गलियों के आसपास बसे मंदिर के पंडों के घरों जिन्हें हटाने की बात कोई सोंच भी नहीं सकता था उनको ऐसे हटवाया कि किसी को कोई शिकायत नहीं हुई। गलीयां अभी चौड़ी, एलईडी लाइटों से चमकती बन गयी। गदौलिया चॉक, जहां बारह महीने जाम लगा रहता था वहां अब विशाल मल्टिलेबल पार्किंग बन गया है। 20 हजार वर्ग फीट के विश्वनाथ मंदिर को चौड़ा कर अब उसे 5 लाख वर्ग फीट कर दिया गया है। बीते 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। इस दिन गंगा के तमाम घाटों से लेकर पुरे काशी धाम को एलईडी लाइटों से यूं सजाया गया मानो दीपावली हो। काशी को चमकाने में प्रधानमंत्री मोदी ने 4500 करोड़ रुपए खर्च किये हैं। जिसमें 900 करोड़ सिर्फ विश्वनाथ कॉरिडोर पर खर्च किये गये हैं।
बनारस के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन अब बनारस स्टेशन के नाम से जाना जाता है। सिर्फ नाम ही नहीं पूरे रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर दिया गया है। यहां के अग्रेंजों के जमान की बिल्डिंग को तोड़कर नया और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टेशन बनाया गया है। रेलवे ने यहां की केबल यात्री सुविधाओं पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कभी भी कागजी रिपोर्ट पर भरोषा नहीं करते हैं। इसलिए 13 दिसंबर को विश्वनाथ कॉरिडोर उद्घाटन के बाद आधी रात को जैसे ही सड़कों से भीड़ थोड़ी कम हुई वे निर्माण कार्यों का जायजा लेने पैदल निकल पड़े। मोदी जी के सड़क पर पैदल निकलने की सूचना शहर में फैलते देर ना लगी। लोगों की भीड़ सड़कों पर जुटने लगी। प्रधानमंत्री ने भी किसी को निराश नहीं किया। उन्होंने लोगों से मिलकर उनका हाल चाल पूछा। चारों तरफ मोदी जी की जय-जयकार गुंजने लगी। गदौलिया चॉक के बाद वे बनारस स्टेशन का जायजा लेने रात के लगभग 1 बजे पहुंच गये। वहां की साफ सफाई व यात्री सुविधा की तमाम पहलुओं को अच्छी तरह देखने व परखने के बाद अधिकारियों से बातचीत की।
विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर गंगा सफाई व गंगा घाटों को एलईडी लाइटों से जगमगाने के नजारे का मोदी जी ने खुब लुफ्त उठाया। उन्होंने सरकारी क्रूज में गंगा में बैठकर गंगा घाट पर लेजर लाइटिंग का आनन्द लिया वहीं आधी रात को शहर में घुमकर निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए शहर को चमकाये जाने के काम को देखा। सुबह गंगा नहाने से लेकर विश्वनाथ मंदिर में पूजा व आधी रात को फिर से शहर में घुमने व जायजा लेने निकलना, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे काशी के कायाकल्प को देखकर मोदी जी की भी नींद उड़ गयी थी।
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