आसमान में उड़ान को परिंदे हुवे आजाद
देखने में बहुत ही आकर्षक होते है तोते। आकाश में उड़ते ये आजाद परिंदे बरबस ही लोगों का मन मोह लेते हैं।
दुर्भाग्य की बात यह है की कुछ लोग इन्हें पिंजरे में कैद कर रखते हैं। पिछले कुछ महीनों में उत्तर बंगाल में अचानक तोतों की तस्करी बहुत ज्यादा बढ़ गई है,यह भी चिंता का विषय है। कुछ गिरोह इस क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो पता नहीं क्यों इन निरीह पक्षियों की तस्करी में लगे हुए हैं। इसी क्रम में आज वैकुंठपुर फॉरेस्ट डिविजन के सारूगाड़ा रेंज के वनकर्मियों ने दो युवकों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की, जो तोते की तस्करी कर रहे थे। गुप्त सूत्रों से जानकारी पा फूलबाड़ी कैनल रोड इलाके में वन कर्मियों ने अभियान चलाया और तस्करों के चंगुल से 55 तोतों को रिहा करवाया। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम दिनेश दास और सज्जाद आलम है। ये दोनों बिहार के निवासी बताए जा रहे हैं। वन अधिकारियों के अनुसार ये तोते मालबाजार से बिहार तस्करी के मार्ग पर थे लेकिन वन कर्मियों के प्रयासों से इन तोतों को बचा लिया गया। इसी बीच पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों ने क्षेत्र में तोतों की तस्करी पर चिंता जताई है। ज्ञात हो कि हाल ही में दो-दो बार कोलकाता जोगबनी एक्सप्रेस से रेलवे पुलिस बल ने भारी संख्या में तोतों को तस्करों के चंगुल से बचाया था। जलपाईगुड़ी जिले के गौरूमारा वन विभाग के कर्मियों ने गोरुधोरा इलाके से 60 तोतों को छुड़ाया था। इसके बाद सिलीगुड़ी संगलग्न फूलबाड़ी इलाके से आज 55 तोते बचाए गए हैं। जिन लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्हें जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया गया। घटना की जांच शुरू हो गई है। आजाद परिंदे पिंजरे में अच्छे नहीं लगते। जो लोग इनकी तस्करी में लगे हुए हैं उन्हें सजा मिले, यह सब चाहते हैं।
Leave a Reply